देवसाक्षी पब्लिकेशन लेखन एवं लेखकों को प्रोत्साहित करने हेतु निःशुल्क पुस्तक प्रकाशन योजना के अंतर्गत पांडुलिपि आमंत्रित करता है, जिसके नियम एवं शर्तें निम्नलिखित हैं।👇👇
● यह योजना केवल हिन्दी भाषा के रचनाकारों के लिए है।
● पांडुलिपि योजना केवल दो विधाओं, काव्य एवं लघुकथा संग्रह हेतु आमंत्रित है।
● पुस्तक की अधिकतम पृष्ठ संख्या 100 है। इससे अधिक पृष्ठों की पुस्तक पर विचार नहीं किया जाएगा।
● पुस्तक पेपर बैक होगी।
● पुस्तक के लिए कोई भी विषय निर्धारित नहीं किया गया है। विषय स्वतंत्र है।
● लेखक की कृति पूर्णतः मौलिक एवं अप्रकाशित होनी चाहिए जिसका मौलिकता प्रमाण-पत्र सलंग्न करना होगा।
● पुस्तक प्रकाशन पूर्णतः निःशुल्क है, परन्तु लेखक को प्रकाशित पुस्तक की दस प्रतियां खरीदना अनिवार्य है।
● लेखक को नाम, पता, पासपोर्ट साइज फ़ोटो व संक्षिप्त परिचय के साथ पांडुलिपि को दो प्रतियों में प्रकाशन के पते पर भिजवानी होगी। मेल या व्हाट्सएप पर भेजी गई पांडुलिपि स्वीकार्य नहीं होगी।
● लेखक को अपनी पांडुलिपि 30 अप्रैल 2024 तक भिजवानी होगी, समयावधि पश्चात पांडुलिपि स्वीकार नहीं की जावेगी।
● पुस्तक में प्रकाशित विषय वस्तु की संपूर्ण जिम्मेदारी लेखक की होगी, किसी भी विवाद की स्थिति में लेखक स्वयं जिम्मेदार होगा।
● पुस्तक की रॉयल्टी देय नहीं होगी।
● पांडुलिपि का चयन लेखन की गुणवत्ता के आधार पर एडिटोरियल टीम द्वारा निष्पक्ष रूप से किया जाएगा।
● चयन नहीं होने की स्थिति में पांडुलिपि वापिस नहीं भेजी जाएगी।
● प्रकाशन का निर्णय आने से पूर्व भेजी गई पांडुलिपि को किसी अन्य पटल पर प्रकाशित करने हेतु आवेदन नहीं किया जावे।
● लेखक दोनों विधाओं (काव्य व लघुकथा संग्रह) में एक साथ आवेदन कर सकता है।
● चयन प्रक्रिया में प्रकाशन की एडिटोरियल टीम का निर्णय अंतिम होगा।
● किसी भी विधा में प्रकाशन हेतु उपयुक्त पांडुलिपि प्राप्त न होने पर निःशुल्क योजना को निरस्त करने का अधिकार एडिटोरियल टीम के पास सुरक्षित रहेगा।
● किसी भी विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र रावतसर (राजस्थान) होगा।
पांडुलिपि भेजने का पता: