Description
दुनियां में हर किसी का जन्म होता है, ज़ाहिर सी बात है, मेरा भी हुआ है। हर इंसान अपना भाग्य रेखाओं में लिखवा कर लाता है, मेरा भी शायद लिखा ही गया होगा। उनमें से कुछ भाग्यशाली तो कुछ अभागे होते हैं। यदि इस कथन को सत्य मान लूं,तो उन्हीं कुछ भाग्यहीन लोगों में से मैं अग्रिम पंक्ति में हूं। हर इंसान का अपना अस्तित्व है, मगर मेरा अस्तित्व क्या है? कौन हूं मैं? मुझे स्वयं इसका भान तक नहीं है। कहाँ से आया हूँ मैं और मेरा अंत क्या है? रह-रह कर मेरे मस्तिष्क में ये प्रश्न कौंधने लगते है।
अतीत के मलबे तले दबे इस प्रश्न के उत्तर को जब कभी भी मैंने सवालों के नाखूनों से कुरेदने का प्रयास किया है तब-तब मैंने खुद को लहूलुहान पाया है।